युवा अटल जी से बहुत कुछ पा सकते हैं जो हमे जमीन से बुलंदियों पर ले जा सकता है : सां० डॉ निशंक,
डोईवाला। संवाददाता। विजय कुमार शर्मा,
हिमालयीय विश्वविद्यालय में भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के 99 वें जन्म दिवस एवं अटल सुशासन दिवस पर अटल सद्भावना कार्यक्रम का किया आयोजन आयोजन मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड, पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार एवं वर्तमान में हरिद्वार सांसद डॉ निशंक एवं पूर्व डीआईजी सतीश शुक्ल द्वारा दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से किया
हिमालयीय विश्वविद्यालय द्वारा सतीश कुमार शुक्ल को डॉ रमेश पोखरियाल निशंक के सानिध्य में उनकी पुलिस सेवा के कार्यकाल में सुशासन के लिए सम्मानित किया गया।
भारत रत्न , पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई के 99 वें जन्मदिवस के अवसर वर हिमालयीय विश्वविद्यालय में अटल सुशासन दिवस के अवसर पर अटल सद्भावना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड, पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार एवं वर्तमान हरिद्वार से सांसद डॉ० रमेश पोखरियाल निशंक एवं विशिष्ट अतिथि पूर्व डीआईजी सतीश शुक्ल द्वारा दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से किया गया शुभारंभ कर मुख्य अतिथि डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, पूर्व मुख्य मंत्री (उत्तराखंड), पूर्व शिक्षा मंत्री, भारत सरकार एवं सांसद लोक सभा हरिद्वार ने कहा की युवा अटल जी से बहुत कुछ पा सकते हैं जो हमे जमीन से बुलंदियों पर ले जा सकता है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के जीवन का एक एक क्षण जो उन्होंने जिया वो प्रेरणा का स्रोत है उन्होंने जीवन में सफलता का सूत्र संकल्प एवं एकाग्रता ही है और अटल जी के साहित्य को छात्रों को जरूर पढ़ना चाहिए, उनका साहित्य उन्हें भविष्य की नई दिशा देगा, उनके देश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश ने चहुमुखी विकास किया। अटल जी को आजातशत्रु उनके विलक्षण व्यक्तित्व के लिए ही कहा जाता है और अटल जी ने हिंदी को विश्व पटल पर पहुंचाया, संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में दिए अटल जी के भाषण को आज भी हिंदी को स्थापित करने में आधार स्तंभ माना जाता है। उन्होंने कहा की जीवन में सफल होने के लिए अटल संकल्प की जरूरत है।
विशिष्ट अतिथि सतीश कुमार शुक्ल (डी.आई. जी (सेवा निवृत्त) ने सुशासन की महत्ता को बताया, उन्होंने कहा की अटल एवं सुशासन एक दूसरे के ही पर्याय हैं। अटल जी की कालजयी कविता गीत नया गाता हूं एवं डॉ निशंक की कविता अभी भी है जंग जारी का पाठ किया।
अध्यक्षीय कुलपति हिमालयीय विश्वविद्यालय ने सुशासन की परिकल्पना पर अपना वक्तव्य रखा। धन्यवाद ज्ञापन डॉ अनूप बलूनी द्वारा दिया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ शिवानी एवं डॉ सुभाष बडोला द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में हिमालयीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनिल झा, संस्था के सचिव बालकृष्ण चमोली, डॉ निशांत राय जैन, डॉ बेचैन कंडियाल, डॉ एस के श्रीवास्तव, डॉ मनीषा अग्रवाल विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्ष, आचार्य एवम सहायक आचार्य एवम शिक्षणेत्तर कर्मचारी मौजूद रहे। कार्यक्रम में क्षेत्र के पूर्व सैनिक भी उपस्थित थे।