56 करोड़ की लागत से होगा सतपुली झील का निर्माण, स्थानीय युवाओं के लिए खुलेंगे रोजगार अवसर-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने सतपुली झील के शिलान्यास के साथ पौड़ी जिले में किया 172 करोड़ 65 लाख…

देहरादून

हिम वार्ता लाइव (बेणीराम उनियाल )

15 दिसम्बर 2024
ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि उत्तराखंड स्थित चार धाम यमुनोत्री, गंगोत्री,केदारेश्वर महादेव और भगवान बदरी विशाल के मंदिरों के कपाट स्थानीय भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए केवल पूजा स्थलों में परिवर्तन होता है।
उन्होंने कहा कि सदियों से चली आ रही पूजा अर्चना प्राचीन परंपरा के अनुसार शीतकालीन पूजा स्थलों में की जाती है।हरिद्वार स्थित गंगा के चंडी घाट पर गंगा पूजन और गंगा आरती से पूर्व
शंकराचार्य जी महाराज ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि जन सामान्य में ऐसी धारणा बन गई कि चारों धामों के कपाट बंद होने के बाद शीतकाल में श्रद्धालु दर्शन लाभ नहीं ले सकते हैं। इसी धारणा को तोड़ने के लिए उनके द्वारा विगत वर्ष लगभग पांच शताब्दि बाद *शीतकालीन चारधाम मंगल यात्रा* का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि अच्छी बात है कि उत्तराखंड राज्य सरकार ने भी शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए हैं।

परमधर्माधीश महाराजश्री कहा कि जो पुण्य लाभ यात्रियों को ग्रीष्मकाल में चार धामों के दर्शन से मिलता है, उससे अधिक लाभ शीतकालीन पूजा स्थलों में पूजा-अर्चना एवं दर्शन से श्रद्धालुओं को प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के लिए उनके द्वारा निरंतर कार्य किये जा रहे हैं।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि ज्योतिर्मठ में शंकराचार्य गुरुकुलम की शुरुआत हो गई है। इसके अलावा चमोली जनपद में एक अन्य गुरुकुलम को शुरू किया जा रहा है।
आदि गुरु शंकराचार्य जी की तपस्थली ज्योतिर्मठ में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को देखते हुए अस्पताल का भूमि पूजन कर दिया गया है।जन भावनाओं के अनुरूप जल्द वहां पर अत्याधुनिक सुविधापूर्ण अस्पताल कार्य करने लगेगा।

*चंडी घाट पर हुआ यात्रा का शुभारंभ*

चार धाम शीतकालीन दर्शन यात्रा का शुभारंभ चंडी घाट पर ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के पावन सानिध्य में मां गंगा की विधिवत पूजा अर्चना के साथ शुरू हुआ।
इसके बाद काशी से आए आचार्यों द्वारा मां गंगा की दिव्य और भव्य आरती की गई।
इस अवसर पर ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य जी ने यात्रा में आए सभी यात्रियों को चार धामों का माहात्म्य बताया और यात्रा की मंगल कामना की।

• शंकराचार्य जी के पावन सानिध्य में 16 दिसंबर से प्रारंभ हो रही चार धाम शीतकालीन दर्शन यात्रा में देश के 10 से अधिक राज्यों के 150 से ज्यादा तीर्थ यात्री यात्रा दल में शामिल हैं।
यात्रा प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, दिल्ली, उत्तराखंड आदि राज्यों से 150 से ज्यादा महिला एवं पुरुष तीर्थ यात्री इस यात्रा में शामिल हैं। यात्रा 16 दिसंबर से प्रारंभ होकर के 22 दिसंबर को हरिद्वार में संपन्न होगी।

उक्त जानकारी परमधर्माधीश शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय के माध्यम से प्राप्त हुई है।

प्रेषक
संजय पाण्डेय-मीडिया प्रभारी।
परमाराध्य परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य जी महाराज।

चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में खनन से अबतक हुई 650 करोड़ की राजस्व प्राप्ति

    *विगत वर्ष 2023-24 के प्रथम आठ माहों की तुलना में लगभग 100 प्रतिशत अधिक…

 

 

देहरादून। भारतीय ज्ञान परंपरा पूरे विश्व में श्रेष्ठ है परंतु उसकी संपूर्णता के मूल में संस्कृत के वेद और शास्त्र ही है, इनके बिना अधूरापन रह जाएगा।

 

उपरोक्त विचार कार्यक्रम क्रियान्वयन एवं संस्कृत शिक्षा के सचिव दीपक कुमार ने व्यक्त किए वह दून विश्वविद्यालय के डॉक्टर नित्यानंद ऑडिटोरियम में यूकोस्ट एवं संस्कृत विभाग के सौजन्य से आयोजित तीन दिवसीय भारतीय ज्ञान परंपरा में संस्कृत और विज्ञान व्याख्यान माला के अवसर पर बोल रहे थे।

 

*सचिव ने कहा कि विज्ञान और टेक्नोलॉजी के इस युग में भी यदि हम संस्कृत के वेदों और शास्त्रों को भूल गए तो फिर हमारी वह यात्रा अधूरी रह जाएगी जिसके लिए भारत वर्तमान में तेजी से आगे बढ़ रहा है ,उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार के कार्यक्रमों को आयोजित किया जाएगा।*

 

यू कास्ट के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत ने कहा कि विज्ञान का उद्भव संस्कृत के ज्ञान से ही हो रखा है, इसलिए भारतीय ज्ञान परंपरा के मूल में वास्तव में संस्कृत ही है।

 

*कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर सुरेखा डंगवाल ने सचिव का स्वागत करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में संस्कृत शिक्षा विज्ञान को साथ लेकर जो चल रही है उसके उत्तराखंड में सकारात्मक परिणाम होंगे और बताया कि बहुत शीघ्र विश्वविद्यालय में हिंदू दर्शन पर कक्षाएं प्रारंभ होने वाली है।*

 

संस्कृत शिक्षा के निदेशक डॉ आनंद भारद्वाज ने विज्ञान के उदाहरण देकर कहा कि भारतीय ज्ञान और विज्ञान का संबंध प्राचीन काल से ही रहा है।

 

*सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने कहां कि भारत का 99% जनमानस संस्कृत और विशेष रूप से वेदों के नेत्र ज्योतिष पर विश्वास करता है, और ज्योतिष पूर्ण रूप से विज्ञान है, कहा कि जो संबंध पृथ्वी और सूर्य के बीच है, वही संबंध कर्म और भाग्य के बीच है, घूमती पृथ्वी है परंतु सूर्य को उदय होने का श्रेय है, इसी प्रकार कर्म हम करते हैं परंतु भाग्य को उदय होने का श्रेय है।*

 

अकादमी के सचिव बाज आर्यन ने सभी अतिथियों का पुष्प गुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत करते हुए कार्यक्रम में पहुंचने पर धन्यवाद अदा किया कार्यक्रम का संचालन शोध अधिकारी हरीश चंद्र ने किया।

 

कार्यक्रम में विशेष रूप से यूकोस्ट के महानिदेशक प्रोफेसर दुर्गेश पंत, तथा विषय विशेषज्ञ के रूप में देवप्रयाग केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के निदेशक, कमल डिमरी, डा वैशाली गुप्ता सहित बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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दून विश्वविद्यालय में भारतीय ज्ञान परंपरा पर बोलते हुए सहायक निदेशक डॉ घिल्डियाल।

 

नई दिल्ली, अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने देशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत के संविधान की विशिष्टता संविधान में वर्णित बिना किसी भेदभाव के समान अधिकारों और समान कर्तव्यों के साथ आगे बढ़ने और अपने जीवन को श्रेष्ठ बनाने का समान अवसर प्रदान करने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान में समस्त देशवासियों की गहरी आस्था है। उन्होंने ऐसे लोगों को परामर्श देते हुए कहा कि जिन्हें भारत के संविधान में आस्था नहीं है और जो सरिया के कानून से रहना चाहते हैं, उन्हें भारत छोड़ कर अपनी पसंद के देश में जाकर रहना चाहिए।

हिन्दू महासभा ने संविधान दिवस पर केंद्र सरकार से संसद के आगामी सत्र में एक विधेयक पारित कर संविधान से इंडिया शब्द हटाने और इंडिया के स्थान पर भारत अंकित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि विदेशी दासता के प्रभाव में संविधान निर्माताओं से संविधान में दासता के प्रतीक अंग्रेजों का दिया नाम इंडिया शब्द को अंकित करने की बड़ी चूक हुई है, जिसमें सुधार करने का सही समय आ गया है।

हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने आज जारी बयान में कहा कि हिन्दू महासभा संविधान से इंडिया शब्द हटाने के लिए समय समय पर आवाज उठाती रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत सरकार देर सबेर उनकी इस मांग को स्वीकार करेगी और भारत का संविधान इंडिया से हमेशा के लिए मुक्त हो जाएगा। सम्पूर्ण विश्व में हमारा देश अपने सनातनी नाम भारत से जाना और पहचाना जाएगा।

बी एन तिवारी ने चुनाव के समय संविधान बदलने का हौआ खड़ा करने वाली कांग्रेस पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने शासनकाल में सत्ता के मद में चूर होकर मूल संविधान से छेड़छाड़ कर संविधान के मूल चरित्र को बदल दिया। पंथ निरपेक्ष को धर्म निरपेक्ष बनाकर देश में धार्मिक उन्माद का वातावरण तैयार किया, जिसकी आग में देश आज भी जल रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से संविधान में पुनः धर्म निरपेक्ष को पंथ निरपेक्ष करने की मांग की।

नशा उन्मूलन प्रभारी श्री चमोला ने की केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के निदेशक प्रोफेसर पी वी वी सुब्रमण्यम से नशा उन्मूलन के संदर्भ में चर्चा —-

मंडलीय नशा उन्मूलन नोडल अधिकारी गढ़वाल शिक्षा विभाग श्री अखिलेश चंद्र चमोला ने केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय देवप्रयाग के निदेशक प्रोफेसर पी वी वी सुब्रमण्यम के साथ नशा उन्मूलन के संदर्भ में एक बैठक आहूत की। जिसमें श्री चमोला ने शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत की मुहिम नशा मुक्त शहर,,नशा मुक्त गांव,,,,नशा मुक्त आसपास का वातावरण के सम सामयिक पहलू पर विशद रूप से चर्चा परिचर्चा की। नोडल अधिकारी चमोला ने कहा —–

रोकनी होगी नशे की आदत,,,

सबको आगे है आना,,,,,,

नशा है एक बहुत बुरी लत,,,,,,

हमें नशा मुक्त खुशहाल उत्तराखंड बनाना है।

आज युवा अपनी मूलभूत शक्ति को न पहचान कर नशीले पदार्थों की ओर आकर्षित होकर विदेशी संस्कृति की ओर अग्रसर हो रहा है,यह चिन्तन का विषय है। इस पहलू को ले करके हमें समय-समय पर हमें जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने बहुत ही जरूरी हैं। देहरादून में जो जो युवा नशे के कारण काल कवलित हुए।वह कहीं न कहीं आह पास के वातावरण और उनके परिवार के संस्कारों को भी उजागर करता है। युवाओं के मार्गदर्शन में माता पिता की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हमें हर सम्भव अपने पाल्यों के सम्मुख आदर्शता का भाव रखना चाहिए।नशा उन्मूलन के पहलू में हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है,हम इस बीमारी के खिलाफ एक जुट होकर आगे आकर अपनी मूलभूत संस्कृति का व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करें। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के निदेशक प्रोफेसर पीवीवी ने नोडल अधिकारी अखिलेश चंद्र चमोला के कार्यों की सराहना करते हुये कहा कि अपने अध्यापन कार्य करने के साथ साथ आम जनमानस को नशे से दूर करने के लिए निरन्तर महत्वपूर्ण ऊर्जा के साथ जो प्रयास रत है ,वह अपने आप में उत्कृष्ट मुहिम को दर्शाता है। हमें पूरा विश्वास है कि इस तरह के जन जागरूकता अभियान से आम जनमानस लाभान्वित होंगे। नोडल अधिकारी चमोला ने इस अवसर पर भारतीय संस्कृति तथा नैतिक ऊर्जा के आयाम नामक अपनी लिखी पुस्तक भी निदेशक को भेंट की।

वित्त मंत्री के विधानसभा क्षेत्र पर सहायक निदेशक मेहरबान।

  तीर्थ नगरी ऋषिकेश में खुलेंगे सभी आधुनिक विषयों सहित संस्कृत के दो प्राथमिक संस्कृत विद्यालय।…

द्वितीय राजभाषा कार्यक्रम क्रियान्वयन के तहत सहायक निदेशक के दौरे से पूरे डोईवाला विकासखंड के सभी विभागों में दिन भर रही हलचल।

    ऋषिकेश। सहायक निदेशक शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल के अचानक भ्रमण…

देहरादून/बद्रीनाथ

बदरीनाथ धाम के कपाट आज विधि- विधान से जय बदरीविशाल के उदघोष के साथ रात्रि 9 बजकर 07 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो गये हैं।

आज कपाट बंद होने के दिन दस हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

इसबार सवा 14 लाख से अधिक संख्या में तीर्थयात्रियों ने बदरीनाथ धाम के दर्शन किये हैं। मंदिर समिति ने तीर्थयात्रियों के सरल सुगम दर्शन व्यवस्था की। कल सुबह बद्रीनाथ जी की डोली पांडुकेश्वर के लिए रवाना होगी।

आज श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के दिन कोटद्वार विधायक दिलीप रावत,स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती,श्री बदरीनाथ’ केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिलाधिकारी संदीप तिवारी मंदिर समिति सदस्य वीरेंद्र असवाल, पुष्कर जोशी, आशुतोष डिमरी, भास्कर डिमरी बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ,अधिशासी अभियंता अनिल ध्यानी प्रभारी अधिकारी विपिन तिवारी,मंदिर अधिकारी राजेंद्र चौहान, नायब रावल सूर्यराग नंबूदरी, ईओ नगर पंचायत सुनील पुरोहित, थाना प्रभारी नवनीत भंडारी ,प्रशासनिक अधिकारी कुलदीप भट्ट राजेंद्र सेमवाल,मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, विनोद डिमरी, पीताम्बर मोल्फा,अजीत भंडारी,योगंबर नेगी,अजय सती, अनसूया नौटियाल, दिनेश भट्ट सहित मंदिर समिति के सभी अधिकारी कर्मचारी, डिमरी पंचायत प्रतिनिधि,हक हकूहकधारी एवं बड़ी संख्या में तीर्थयात्री मौजूद रहेंl

 

 

15.11.24 वाराणसी।

आज काशी के केदारघाट स्थित श्रीविद्यामठ में देव दीपावली के पावन अवसर पर उद्गार व्यक्त करते हुए परमधर्माधीश ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगदगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री: अविमुक्तेश्वरानंद: सरस्वती 1008 जी महाराज ने कहा कि मनुष्यों एवं देवताओं के मध्य सामंजस्य स्थापित करने का पर्व है देव दीपावली।आज के दिन धरती पर सभी देवता पधार कर दीपार्चन स्वीकार कर रहे हैं।उन देवताओं से साथ एकाकार होने का इससे सुंदर अवसर दूसरा नही हो सकता है।आज आसमान पर जितने तारे दिखाई देंगे नीचे धरती पर देखने पर उतने ही दीप दिखाई देंगे।आज जो लोग बहुत भाग्यशाली हैं वो काशी में उपस्थित हैं।हम समस्त लोगों को शुभकामना देते हैं।आज कार्तिक पूर्णिमा व देव दीपावली के पावन अवसर पर श्रीविद्यामठ में शंकराचार्य जी महाराज के सान्निध्य में भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी का मेवे से श्रृंगार और आंवले से अर्चन किया गया।सत्यनारायण भगवान की कथा हुई जिसमें यजमान के भूमिका में अभय शंकर तिवारी सपत्नीक उपस्थित थे।

उक्त जानकारी देते हुए परमधर्माधीश शंकराचार्य जी महाराज के मीडिया प्रभारी संजय पाण्डेय ने बताया कि परमधर्माधीश शंकराचार्य जी महाराज दीपावली प्रतिवर्ष छत्तीसगढ़ में मनाते हैं इसलिए श्रीविद्यामठ में आज के ही दिन सन्त,भक्त व वैदिक छात्र मिलकर दीपावली मनाया।जिसके अनन्तर पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज आकाशदीप प्रज्ज्वलित किया और दीपदान किया।साथ ही पूज्यपाद महाराजश्री मठ मौजूद सैकड़ों वैदिक विद्यार्थियों के मध्य पटाखा वितरित किया जिसे भगवती गंगा के तट पर वैदिक बच्चों ने पटाखा फोड़ा।

 

इस अवसर पर प्रमुख रूप से सर्वश्री:-साध्वी पूर्णाम्बा दीदी,साध्वी शारदाम्बा दीदी,ब्रम्हचारी परमात्मानंद,सजंय पाण्डेय मीडिया प्रभारी,अनिल भारद्वाज,स्वामी नरेंद्रानंद,स्वामी भगवतानंद,ब्रम्हचारी सर्वभूत हृदयानंद,रवि त्रिवेदी,शैलेन्द्र योगी,रमेश उपाध्याय,सुनील उपाध्याय,हजारी सौरभ शुक्ला,किशन जायसवाल,सक्षम सिंह योगी,मनीष पाण्डेय,सुनील शुक्ला सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।