14वें महाकौथिग का चौथा दिन: सुबह का सत्र रहा गढ़वाली-कुमाउनी कवि सम्मेलन के नाम

महाकौथिक नोएडा/देहरादून

नोएडा स्टेडियम में चले रहे 14वें महाकौथिग मेले के चौथे दिन सुबह का सत्र गढ़वाली-कुमाउनी कवि सम्मेलन तथा नाम रहा।

इससे पहले चौथे दिन सुबह के सत्र का शुभारम्भ मुख्य अतिथि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के ACO सौम्य श्रीवास्तव और उनकी धर्मपत्नी सुरभि श्रीवास्तव ने रिबन काट कर किया। जिसके बाद विधिवत रूप से कवि सम्मेलन आयोजित की गयी।

जिसके बाद विधिवत रूप से उत्तराखंड के कवियों द्वारा शानदार गढ़वाली-कुमाउनी कवि सम्मेलन किया गया। जिसमें कवियों द्वारा समाज के हर वर्ग को जागरूक करती हुई, पहाड़ की पीड़ा को व्यक्त करती हुई कविताओं का पाठ किया। कई कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से पहाड़ में बंद पड़े घरों को आबाद करने का आव्हान किया।

युवा कवियत्री किरण पंत ने पलायन पर चोट करती एक सुंदर रचना “ऐजा लोगोँ लौटी पहाड़ा..” से कवि सम्मेलन की शुरुआत की. उसके बाद वरिष्ठ कवि डॉक्टर पृथ्वी सिंह केदारखंडी ने उत्तराखंड राज्य के शहीद आंदोलनकारियों को समर्पित मार्मिक कविता अमर शहीदों नमन तुमते इसके अलावा अपने अपनी दूधबोली,(गढ़वाली, कुमाऊनी, जौनसारी)बोली को बचाने के लिए व भ्रष्टाचार पर भी चोट का आह्वाहन किया।

रघुवर दत्त शर्मा राघव की ने एक खूबसूरत कुमाऊंनी कविता का पाठ किया।

रमेश चंद्र घिल्डियाल जी ने समलौण (बचपन की यादों को ताजा करती हुई)एक खूबसूरत कविता का पाठ किया।

जयपाल सिंह रावत छिपडू दा मेरी जुन्याली बांद मॉडर्न पत्नी पीड़ित पुरुष की दास्तां पर एक बेहतरनी कविता का पाठ किया।

दिनेश ध्यानी जी ने अपने समाज की विसंगतियों पर चोट करती कविता सुनाई

(न्यूक्लियर परिवार) पहली पसंद बनती जा रही है साथ ही चकबंदी पहाड़ मा खेती का दिन बोड़ी जंदा चकबंदी जु हवे जादी

राजेंद्र भंडारी कुमाऊनी कविता पलायन पर कविता सुनाई।

कुंज बिहारी मुंडेपी बचपन को याद करती हुई जन्मभूमि पर एक खुबसूरत कविता सुनाई।

रमेश हितैषी की द्वारा चौहान दंपति को समर्पित कविता सुनाई (धन्य छो तुमन शहर मा पहाड़ बसे)

बिहारी लाल जलंधरी ने उत्तराखंडी बोली भाषा पर कविता पाठ किया।

भगवती प्रसाद जुयाल लायु छौ भाग वहीं बृजमोहन शर्मा वेदवाल ने संस्कृति संस्कारो के साथ अपने देवताओं का आह्वाहन किया व नई पीढ़ी पर कटाक्ष की।

उदयराम राठी द्वारा महाकौथिग मेले के मनोरंजन पर कविता सुनाई गई।

आज के मुख्य कवियों मे बृजमोहन शर्मा वेदवाल, दिनेश ध्यानी, रमेश घिल्डियाल, बिहारी लाल जालंधरी, पृथ्वी सिंह केदारखंडी, राजेंद्र भंडारी, भगवती जुयाल गढ़देशी, कुंजविहारी मुंडेपी, जयपाल सिंह रावत छिपडु, किरण पंत, रमेश हितैषी, रघुवर दत्त शर्मा “राघव” आदि रहे।

कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवि बृजमोहन शर्मा वेदवाल तथा आयुषी जुयाल ने किया.

 

वहीँ शाम के सत्र के उदघाट्न मे उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के आने की सूचना है।

सुप्रसिद्ध लोक गायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह अपने सुपरहिट लोक गीतों से दर्शकों का मनोरंजन करेंगे।

वहीं इसके अलावा कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भगवत मनराल द्वारा निर्देशित नृत्य नाटिका “वीर माधो सिंह भंडारी” की नृत्य नाटिका रहेगी.

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