पैथोलॉजी की तरह प्रत्येक तीसरे माह कराना चाहिए कुंडली विश्लेषण: आचार्य दैवज्ञ।

देहरादून । उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल “दैवज्ञ” ने कहा है, कि जिस प्रकार उत्तम स्वास्थ्य के लिए पैथोलॉजी टेस्ट आवश्यक होते हैं , इसी प्रकार प्रत्येक तीन माह में जागरूक मनुष्य को कुंडली विश्लेषण आवश्यक रूप से कराना चाहिए।

*महत्वपूर्ण साक्षात्कार में सवालों का जवाब देते हुए आचार्य दैवज्ञ ने कहा कि चिकित्सकों का कहना होता है, कि स्वास्थ्य की देखरेख के लिए40 वर्ष की उम्र के बाद प्रत्येक 3 माह में पैथोलॉजी टेस्ट होना आवश्यक होता है, परंतु शास्त्रों के अनुसार जागरूक लोगों को बाल्य काल से युवावस्था तक साल भर में एक बार और उसके बाद तीन माह में एक बार जन्म कुंडली का विश्लेषण ज्योतिष के विशेषज्ञ से अवश्य कराना चाहिए उससे आने वाले संकटों से बचने का उपाय पता चल जाता है।*

सटीक भविष्यवाणियों की वजह से अंतरराष्ट्रीय जगत में प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद दैवज्ञ ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि जो होना है वह तो होना ही है परंतु ऐसा नहीं है *जब आसमान में बादल होते हैं तो संभावनाएं बहुत सारी होती हैं केवल बारिश हो सकती है, ओले भी गिर सकते हैं, और तूफान भी चल सकता है, इसी प्रकार कुंडली में भी बहुत सारी संभावनाएं छुपी होती हैं, समय पर विश्लेषण होने से आने वाली मुसीबतों से निश्चित रूप से बचा जा सकता है।*

शिक्षा एवं संस्कृत शिक्षा के असिस्टेंट डायरेक्टर जैसे महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत डॉक्टर घिल्डियाल ने ज्योतिष के उपायो से लाभ पर चर्चा करते हुए कहा कि *वह स्वयं इसका उदाहरण हैं ,कि उनकी कुंडली में सरकारी सर्विस का योग नहीं है, परंतु उन्होंने स्वयं अपने लिए संबंधित ग्रह के मंत्र की ध्वनि को यंत्र में परिवर्तित कर सर्व मनोरथ सिद्धि यंत्र सिद्ध किया और उसे विश्वास पूर्वक धारण किया और धारण करने के ढाई वर्ष के अंदर राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण कर दी तब से उनका दृढ़ विश्वास हुआ और उन्होंने अपने शोध को आगे बढ़ाते हुए आज तमाम लोगों को इसका फायदा दे रहे हैं।*

*इसमें कोई संदेह नहीं है, कि डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल “दैवज्ञ “की भविष्यवाणियां एकदम सटीक साबित होती हैं ,और उनके द्वारा सिद्ध किए हुए यंत्रों से 99% लोगों को विद्या प्राप्ति ,रोजगार ,विवाह, संतानप्राप्ति,प्रमोशनलाभ, व्यापार में लाभ,कोर्ट कचहरी में लाभ, राजनीति में पद प्राप्ति आदि में सटीक लाभ प्राप्त हो रहा है। एक प्रतिशत लोगों के लिए वह कहते हैं, कि कभी पितृ दोष अथवा अन्य कुछ अन्य विशेष दोषों की वजह से उनको लाभ विलंब से प्राप्त होता है।*

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