मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दुर्गम क्षेत्रो में मतदान शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए अधिकारियों को दिए यह निर्देश।

देहरादून

राज्य में लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2024 को सकुशल और शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बी. वी. आर. सी. पुरुषोत्तम ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदान से संबंधित सभी आवश्यक व्यवस्थाओं को ससमय पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी मतदेय स्थलों पर सभी मूलभूत आवश्यकताओं एवं भारत निर्वाचन आयोग की गाइडलाईन के अनुसार सभी व्यवस्थाएं सुचारू रखने के निर्देश दिये हैं।

 

लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2024 के लिए विषम भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत राज्य में 12 पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशन बनाये गये हैं। इन पोलिंग स्टेशनों के लिए पोलिंग पार्टियां जिला मुख्यालय से मतदान से तीन दिन पहले रवाना कर दी जाएंगी। जिन पोलिंग स्टेशन पर तीन दिन पहले पोलिंग पार्टियां रवाना कर दी जाएंगी उनमें 11 पोलिंग स्टेशन उत्तरकाशी जनपद और एक पिथौरागढ़ जनपद में है। उत्तरकाशी जनपद के पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशन पुरोला विधानसभा क्षेत्र में राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय कलाप, राजकीय प्राथमिक विद्यालय लिवाड़ी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय कासला, राजकीय प्राथमिक विद्यालय राला, राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय फिताड़ी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय ओसला, राजकीय प्राथमिक विद्यालय पवाणी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय गंगाड, राजकीय प्राथमिक विद्यालय बरी, राजकीय प्राथमिक विद्यालय सेवा और राजकीय प्राथमिक विद्यालय हडवाडी हैं, जबकि पिथौरागढ़ जनपद के धारचूला विधानसभा क्षेत्र में राजकीय प्राथमिक विद्यालय कनार भी पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशन में शामिल है।

 

पी माइनस थ्री पोलिंग स्टेशनों के लिए पोलिंग पार्टियां ईवीएम और अन्य चुनाव सामग्री लेकर तीन दिन पहले पोलिंग स्टेशनों के लिए रवाना होंगी। पहली रात को मतदान कर्मी सरकारी भवन में ठहर सकेंगे। इसकी जानकारी उन्हें सभी राजनीतिक दलों के लोगों को देनी होगी। ताकि वह ईवीएम और अन्य चुनाव सामग्री के बारे में निगरानी रख सकें। लोकतंत्र के इस महापर्व में हर मतदाता को मतदान का अधिकार मिले, इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले मतदाताओं को मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के लिए निकटवर्ती स्थानों पर मतदान केंद्र बनाए हैं। ये वो पोलिंग स्टेशन हैं जो बर्फीले, अति विषम भौगोलिक परिस्थितियों और पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित हैं।

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